कालसर्प दोष शांति के चमत्कारिक लालकिताब उपाय

अग्रे  राहुरधः  केतुः  सर्वे  मध्यगताः  ग्रहाः। योगाऽयं कालसर्पाख्यो शीघ्रं तं तु विनाशय।।     

आगे राहु हो एवं नीचे केतु मध्य में सभी (सातों) ग्रह विद्यमान हो तो कालसर्प योग बनता है। इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है की यदि कुंडली में सभी ग्रह, राहू और केतु से किसी एक तरफ आ जाये तो कालसर्प योग बनता है जिसके फलस्वरूप जीवन में असंतुलन की स्थिति बनती है और संघर्ष बढ़ जाता है l

  1. जब राहू खाना नंबर एक और केतु खाना नंबर सात में (अनंत कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की चाँदी की ठोस गोली को अपने पर्स में, जेब में रखें या पेंडेंट के रूप में गले में धारण करें l

  1. जब राहू खाना नंबर दो और केतु खाना नंबर आठ में (कुलिक कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की दुरंगा या बहुरंगा कम्बल साल में एक बार दान अवश्य करें l

  1. जब राहू खाना नंबर तीन और केतु खाना नंबर नौ में (वासुकि कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की जातक को सोना धारण करना चाहिए l खासकर यदि वह बाएं हाथ की सबसे छोटी अंगुली (कनिष्ठा) में सोने की अंगूठी या छल्ला डालेगा तो इस योग के बुरे प्रभाव कम हो जायेंगें l इसके साथ साथ यदि व्यक्ति चने की दाल तीन दिन तक लगातार बहते पानी, नदी, झरना या समुद्र में बहा दे तो उसका फल तुरंत प्राप्त होता है l

  1. जब राहू खाना नंबर चार और केतु खाना नंबर दस में (शङ्खपाल कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की जातक एक चाँदी की ढक्कन वाली डिबिया ले और उसमें शहद भरकर अपने घर के बाहर कहीं भी मिटटी खोद के जमीन में दबादे l

  1. जब राहू खाना नंबर पांच और केतु खाना नंबर ग्यारह में (पद्म कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की ऐसा व्यक्ति चाँदी का ठोस हाथी (चलता हुआ और चाँदी के पतरे या चाँदी की प्लेट पर खड़ा ) अपने घर में स्थापित करे l

  1. जब राहू खाना नंबर छह और केतु खाना नंबर बारह में (महापद्म कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की रोज अपनी जेब में एक ताजा फूल रखें l अपनी बहन की सेवा करें उससे सम्बन्ध न बिगाड़े l घर में कुत्ता भी पाल सकते है l

  1. जब राहू खाना नंबर सात और केतु खाना नंबर एक में (तक्षक कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की एक ढक्कन वाली चाँदी की डिब्बी व एक चाँदी का चौकोर टुकड़ा या पतरा (साइज़ ऐसा हो की वह डिब्बी में रखा जा सके) लें l इस डिब्बी में गंगा जल भरकर वह चाँदी का चोकोर पतरा उसमें डालकर ढक्कन बंद करके अपने घर में स्थापित करें l

इसके अलावा एक और अच्छा उपाय है लोहे की ठोस गोली पर लाल रंग पेंट करके उस गोली को पर्स में या अपनी जेब में सदैव रखें l

  1. जब राहू खाना नंबर आठ और केतु खाना नंबर दो में (कर्कोटक कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की चाँदी का चोकोर टुकड़ा या पतरा अपनी जेब या पर्स में सदैव रखें l

  1. जब राहू खाना नंबर नौ और केतु खाना नंबर तीन में (शङ्खचूड कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की तीन दिन लगातार चने की दाल बहती नदी, झरने या समुद्र में बहाए l इसके अलावा चाँदी की ठोस ईट बनवा के अपने घर की तिजोरी में रखें l

  1. जब राहू खाना नंबर दस और केतु खाना नंबर चार में (घातक कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की पीतल के ढक्कन वाला कोई भी बर्तन लें उसमें गंगा जल भरकर ढक्कन बंद करके अपने घर में स्थापित करें l

  1. जब राहू खाना नंबर ग्यारह और केतु खाना नंबर पांच में (विषधर कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की चाँदी के गिलास में पानी पीना शुरू करदें l इसके अलावा 43 दिन लगातार रात को सोते समय अपने सिरहाने मूली रखें और सुबह किसी मंदिर में दान कर दें l

  1. जब राहू खाना नंबर बारह और केतु खाना नंबर छह में (शेषनाग कालसर्प योग) :

इस योग का लालकिताब चमत्कारिक उपाय है की सूती लाल कपडे की बोरिनुमा थैली बनाकर उसमें खाने वाली मोटी सौफ भरकर जिस कमरे में आप सोते है उस कमरे में रख दें l सौफ कम से कम सवा किलो या इससे ज्यादा होनी चिहिए साथ में ध्यान रखें की थैली का कपड़ा चमकीला न हो l

लाल किताब के उपाय कब और कैसे करें ?

  1. सभी लाल किताब उपाय सूर्य निकलने के बाद और सूर्य छिपने तक दिन के समय करें, अर्थात सूर्य की उपस्थिति में ही करें l
  2. उपाय शुरू किसी भी वार से कर सकते है l
  3. यदि आप उपाय करने में असमर्थ है तो आप का कोई खून का संबंधी रिश्तेदार जैसे भाई-बहन, माता-पिता, दादा-दादी, पुत्र-पुत्री आदि में से कोई भी आपकी जगह उपाय कर सकता है जो की निश्चित फलदाई होगा।
  4. एक दिन में केवल एक ही उपाय करें, एक दिन में दो उपाय करने से शुभ फल नहीं मिलता या किया हुआ उपाय निष्फल हो सकता है।
  5. जो परहेज बताए जाये जैसे मांस-मछली न खावें, मदिरा का सेवन न करें, चाल-चलन ठीक रखें, झूठ न बोलें, जूठन न खावें न खिलावें, नियत में खोट न रखें, परस्त्री-परपुरुष से संबंध न करें, आदि का विशेष ध्यान रखें।
  6. यदि किसी कारण उपाय बीच में बंद करना पड़ जाय तो जिस दिन उपाय बन्द करना है उससे एक दिन पहले थोड़े से चावल दूध से धोकर सफेद कपड़े में बांध कर पास रख लें और जब दुवारा उपाय शुरू करना हो वह चावल धर्म स्थान में या चलते पानी में या किसी बाग-बगीचे आदि में गिरा कर उपाय फिर शुरू कर दें। ऐसा करने से उपाय अधूरा नहीं माना जाएगा और पूरा फल मिलेगा।
  7. हर उपाय 43 दिन या 43 सप्ताह या 43 मास या 43 वर्ष तक करना होता है, उपाय चलते समय बीच में टूट जाए चाहे 39वां दिन क्यों न हो सब निष्फल हो सकता है या शुभ फल में कमी रह सकती है।
  8. घर में कोई सूतक (बच्चा जन्म हो) या पातक (कोई मर जाय) हो जाय तो 40 दिन उपाय नहीं करने चाहिये ।
  9. बुजुर्गों के रीति -रिवाजों को न तोडें और संस्कार पूरें करें ।

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