ज्योतिष में तृतीय भाव

कारक
मंगल भाई, साहस, हिंसा
शनि दुख, दीर्घायु
बुध पड़ोसी, पड़ोसी देश, रेल परिवहन, संचार
लक्षण
स्थूल भाई
सूक्ष्म साहस

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(अ) जन्मकुण्डली की भुजाएं।

रिश्तों का सूचक –

छोटे भाई – बहन, मामा, चाचा, बड़े मामा, नाना के भाई, दादा के भाई।

शरीर के अंग –

कन्धा, बांह, तंत्रिका तंत्र, कान, सीने का ऊपरी भाग, वायुनली, घेघा/ग्रास नली, थाइमस/बाल्यग्रन्थि, गला, गरदन।

द्रक्कन कुण्डली के अनुसार –

(अ) दायां कान,
(ब) दाईं भुजा,
(स) जननांगों का दायां भाग।भ्रातृभाव, विक्रमस्थान, शौर्य धैर्य भाव, सहजस्थान।

आचार्य अनुपम जौली से सलाह लें

    तनभावका प्रतीक –

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